सरकार और कार कंपनियों ने मिलकर अब कारों में 6 एयरबैग को स्टैंडर्ड कर दिया है, जिससे बेस मॉडल की कीमत बढ़ गई है। जब कार किसी चीज से टकराती है तो एयरबैग खुल जाते हैं, जिससे कार में बैठे लोगों की जान बच जाती है। एयरबैग की मदद से दुर्घटनाओं के दौरान सुरक्षा तो मिलती है, लेकिन कई बार एयरबैग खुल नहीं पाते और जान चली जाती है। इतना ही नहीं, कई बार तो यह भी देखा गया है कि बिना दुर्घटना के भी ये अचानक खुल जाते हैं, जिससे कार की अगली सीट पर बैठे लोगों को गंभीर चोटें आती हैं और कई मामलों में तो उनकी जान भी चली जाती है।
एक ओर जहां एयरबैग हमारी जान बचाने के लिए हैं, वहीं दूसरी ओर इनके कारण कई जानें भी गई हैं। एयरबैग वाली कार में कैसे बैठना चाहिए, क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, तथा एयरबैग कैसे काम करता है? कार का उपयोग करना सबसे महत्वपूर्ण है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि एयरबैग कैसे काम करते हैं? इसमें कौन सी गैस होती है और कार में बैठने का सही तरीका क्या है?
कार में कई तरह के सेंसर लगे होते हैं, जिनमें से एक एयरबैग से जुड़ा होता है। अब जैसे ही कार किसी चीज से टकराती है, यह सेंसर सक्रिय हो जाता है और कार में लगे इन्फ्लेटर को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल भेजता है। यह इन्फ्लेटर एयरबैग में लगाया जाता है, जैसे ही इन्फ्लेटर को सिग्नल मिलता है, एयरबैग फुल जाता है। कार के आगे दो एयरबैग केवल वृद्ध लोगों के लिए लगाए गए हैं। इसलिए छोटे बच्चों को हमेशा पीछे वाली सीट पर बैठाना चाहिए। आगे की सीट पर छोटे बच्चे को बैठाकर गाड़ी चलाना खतरनाक हो सकता है और सड़क दुर्घटना की स्थिति में गंभीर चोट लग सकती है।
किसी को डैशबोर्ड पर पैर नहीं रखना चाहिए। यदि कार किसी चीज से टकराती है, तो एयरबैग एक छोटे से धमाके के साथ खुल जाते हैं और वे आपके पैरों को पूरी तरह से मोड़ देते हैं, जिससे आपको गंभीर चोट लग सकती है।
कार बम्पर की सुरक्षा के लिए जो लोग बुल गार्ड लगवाते हैं, उन्हें इसे लगवाने से बचना चाहिए। बुल गार्ड दुर्घटना की स्थिति में झटके को एयरबैग सेंसर तक नहीं पहुंचने देते और इस कारण एयरबैग नहीं खुलते। अब ऐसी स्थिति में कार में बैठे लोगों को गंभीर चोटें आ सकती हैं। कार में बहुत आगे की ओर बैठना भी खतरनाक हो सकता है, इसलिए डैशबोर्ड और स्टीयरिंग व्हील से दूर बैठें। आपको बता दें कि एयरबैग में सोडियम एजाइड NaN3 गैस होती है। अपनी कार की नियमित रूप से सर्विसिंग करवाना महत्वपूर्ण है।