Haryana News : हरियाणा के सोनीपत जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए तहसील कार्यालय गोहाना में रिश्वतखोरी के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया है। यह मामला तब सामने आया जब एसीबी की करनाल टीम ने 3 अप्रैल 2025 को राजीव कुमार मल्होत्रा उर्फ यशपाल मल्होत्रा नाम के एक अर्जी नवीस को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
यह शख्स शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती—इस मामले में दूसरा आरोपी, तहसीलदार अभिमन्यु, मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश अब भी जारी है।
रिश्वत का पूरा सिस्टम उजागर
पकड़े गए आरोपी राजीव ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री के नाम पर संगठित तरीके से रिश्वत वसूली का खेल चल रहा था। इसमें तहसीलदार अभिमन्यु और सेवादार आशीष भी शामिल थे। राजीव के मुताबिक, रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रति गज 150 से 250 रुपये तक रिश्वत ली जाती थी। इस रकम का बंटवारा भी तय था—वह और आशीष प्रति गज 20 रुपये अपने पास रखते थे, बाकी राशि आशीष के जरिए तहसीलदार अभिमन्यु तक पहुंचाई जाती थी। यह सुनियोजित सिस्टम आम लोगों की जेब पर डAKA डाल रहा था, और अधिकारी मोटी कमाई कर रहे थे।
एसीबी की सख्त कार्रवाई
इस मामले में एसीबी ने तुरंत कदम उठाया। 3 अप्रैल को राजीव की गिरफ्तारी के बाद, अगले ही दिन यानी 4 अप्रैल 2025 को आशीष को भी हिरासत में ले लिया गया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए (पी.सी. एक्ट 1988) और 61 बी.एन.एस. 2023 के तहत रोहतक थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, तहसीलदार अभिमन्यु अभी भी फरार है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी की टीमें छापेमारी कर रही हैं।
आम जनता के लिए सबक
यह घटना न सिर्फ सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक चेतावनी है। रजिस्ट्री जैसे जरूरी कामों के लिए रिश्वत देना मजबूरी बन चुका है, लेकिन एसीबी की इस कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तेज होगी। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है, तो बिना डरे शिकायत करें—क्योंकि अब कानून की नजर हर कोने में है।