आजकल, कई लोग कमर और पीठ में दर्द की शिकायत कर रहे हैं, जिसका एक प्रमुख कारण स्लिप डिस्क हो सकता है। यह समस्या रीढ़ की हड्डी से संबंधित होती है, जिसमें हड्डियों के बीच स्थित नरम कुशन जैसी डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है। इसके परिणामस्वरूप नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे तीव्र दर्द उत्पन्न होता है। यदि इसे समय पर ठीक नहीं किया गया, तो यह चलने-फिरने में भी कठिनाई पैदा कर सकता है.
स्लिप डिस्क होने का मुख्य कारण गलत तरीके से बैठना, झुकना या भारी सामान उठाना है। इसके अलावा, उम्र बढ़ने, मोटापे, व्यायाम की कमी या चोट लगने के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। जो लोग लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं, उनमें इसका जोखिम अधिक होता है.
यदि किसी व्यक्ति को स्लिप डिस्क हो जाती है, तो उसे कमर या गर्दन में तीव्र दर्द, हाथों या पैरों में झनझनाहट, कमजोरी का अनुभव और झुकने या बैठने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोगों को चलने-फिरने में भी समस्या होती है.
सीधा बैठें और झुकने से बचें: गलत तरीके से बैठने और झुकने से रीढ़ पर दबाव बढ़ता है, जिससे समस्या हो सकती है.
भारी वजन उठाते समय सावधानी बरतें: सीधे झुककर वजन उठाने के बजाय घुटनों को मोड़कर उठाएं.
रोजाना हल्की एक्सरसाइज करें: स्ट्रेचिंग और योग से रीढ़ की हड्डी मजबूत रहती है.
वजन को नियंत्रित रखें: अधिक वजन से रीढ़ पर दबाव बढ़ता है, जिससे समस्या बढ़ सकती है.
आरामदायक गद्दे और कुर्सी का चयन करें: बहुत सख्त या बहुत मुलायम गद्दे पर सोने से भी समस्या हो सकती है.
स्लिप डिस्क एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। सही जीवनशैली अपनाकर और अपने शरीर का ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है। यदि कमर या गर्दन में लगातार दर्द हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें.