बड़ी या काली इलायची के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। भारत में हजारों वर्षों से इसे मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इलायची दो प्रकार की होती है: बड़ी और छोटी। छोटी इलायची आमतौर पर मीठे व्यंजनों में उपयोग की जाती है, जबकि बड़ी इलायची नमकीन व्यंजनों का स्वाद बढ़ाती है।
बड़ी इलायची को काली, भूरी, या नेपाली इलायची भी कहा जाता है। इसके बीजों से कपूर जैसी सुगंध निकलती है। इसका वनस्पतिक नाम “Amomum subulatum” और “Amomum costatum” है। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में इसके गुण छोटे इलायची के समान माने जाते हैं।
बड़ी इलायची मुख्य रूप से दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में उगाई जाती है। यह केवल एक मसाला नहीं है, बल्कि एक प्रभावी औषधि भी है। इसके गुणों के कारण इसे मसालों की रानी कहा जाता है।
बड़ी इलायची का सेवन करने से सांस संबंधी बीमारियों से राहत मिलती है। यह अस्थमा और अन्य फेफड़ों की समस्याओं में भी लाभकारी है। इसके सेवन से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
यदि आपको मुंह से बदबू की समस्या है, तो बड़ी इलायची चबाने से यह समस्या दूर हो सकती है। यह मुंह के घावों को भी ठीक करती है।
सिरदर्द के लिए, बड़ी इलायची के तेल से सिर की मालिश करें। यह दर्द को कम करने में मदद करती है।
बड़ी इलायची कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाती है। इसके नियमित सेवन से आप स्वस्थ रह सकते हैं।
यह पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है, जिससे एसिडिटी और गैस्ट्रिक अल्सर का खतरा कम होता है।
बड़ी इलायची गुर्दे की सेहत के लिए भी अच्छी मानी जाती है। यह एक बेहतरीन डाइयुरेटिक है।
इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।
इसके सेवन से बाल मजबूत और घने होते हैं।
यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
बड़ी इलायची त्वचा को चमकदार बनाती है और एलर्जी की समस्याओं में राहत देती है।
यह दर्द निवारक के रूप में भी काम करती है।
बड़ी इलायची रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाती है।
यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
इसके सेवन से रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।
दांतों की समस्याओं में भी यह लाभकारी है।