बैंक में पैसे जमा करना या निकालना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण आयकर नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि आप इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना और टैक्स का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से, यदि आप कैश जमा करते हैं और उसके स्रोत का सही विवरण नहीं दे पाते, तो आपको 60% तक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इनकम टैक्स विभाग के कई कड़े नियम हैं, जिनका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और अवैध लेन-देन पर रोक लगाना है।
आय का स्रोत न बताने पर बड़ी परेशानी, कैश डिपॉजिट पर 60% टैक्स
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 68 के अनुसार, यदि आप अपने बैंक खाते में कैश जमा करते हैं और उस राशि का स्रोत नहीं बता पाते, तो इनकम टैक्स विभाग आपसे 60% टैक्स वसूल सकता है। इसमें 25% सरचार्ज और 4% सेस भी शामिल होता है, जिससे यह जुर्माना और भी बड़ा हो जाता है। सरकार का उद्देश्य है कि लोग कम से कम कैश का उपयोग करें और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दें। यदि आप अपने खाते में बड़ी राशि जमा कर रहे हैं, तो आपको उसका स्रोत स्पष्ट रूप से बताना आवश्यक है, अन्यथा यह महंगा साबित हो सकता है।
सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने की लिमिट, 10 लाख रुपये की सीमा
यदि आप अपने सेविंग अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो आपको टैक्स अधिकारियों को इसकी सूचना देनी होगी। हालांकि, यदि आप अपनी आय का सही स्रोत बता पाते हैं, तो आप किसी भी प्रकार के टैक्स या जुर्माने से बच सकते हैं। लेकिन यदि आप ऐसा नहीं कर पाते, तो इनकम टैक्स विभाग आपसे स्पष्टीकरण मांग सकता है, और सही जवाब न देने पर आपसे टैक्स वसूला जा सकता है।
करेंट अकाउंट में कैश जमा करने की सीमा: 50 लाख रुपये की लिमिट
करेंट अकाउंट धारकों के लिए, यह सीमा और अधिक है। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो आपको टैक्स विभाग को इसकी सूचना देनी होगी। ध्यान रखें कि सीमा से अधिक जमा करने पर तत्काल कोई टैक्स नहीं लगाया जाता है, लेकिन सही जानकारी देना आवश्यक है।
एक करोड़ रुपये से अधिक निकासी पर लगेगा 2% टीडीएस
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 194N के तहत, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बैंक खाते से 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी करते हैं, तो आपको 2% टीडीएस (Tax Deducted at Source) देना होगा। यह नियम सरकार द्वारा बड़े लेन-देन पर नजर रखने के लिए बनाया गया है।
ITR न भरने पर कड़े नियम
यदि आपने पिछले 3 वर्षों से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो कैश निकासी पर नियम और भी सख्त हो जाते हैं। इस स्थिति में, यदि आप 20 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालते हैं, तो आपको 2% टीडीएस और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी पर 5% टीसीएस (Tax Collected at Source) देना होगा।
कैश लेन-देन में सावधानी बरतें
कैश डिपॉजिट और निकासी से जुड़े इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, क्योंकि इनके उल्लंघन पर टैक्स विभाग भारी पेनाल्टी और जुर्माने का प्रावधान रखता है। यदि आप बड़ी रकम जमा या निकाल रहे हैं, तो आय का स्रोत स्पष्ट और वैध होना चाहिए।
बैंक में कैश जमा करते समय या निकासी करते समय इनकम टैक्स के नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि आप अपनी आय का स्रोत सही तरीके से बता पाते हैं, तो आप किसी भी प्रकार के टैक्स या जुर्माने से बच सकते हैं। हालांकि, नियमों का उल्लंघन करने पर आपको 60% तक टैक्स देना पड़ सकता है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप हर लेन-देन के लिए पूरी जानकारी रखें और इनकम टैक्स गाइडलाइन्स का पालन करें।