राजस्थान मौसम अद्यतन: राजस्थान में मानसून एक बार फिर से पूरी तरह सक्रिय हो गया है, खासकर राज्य के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में जोरदार बारिश देखने को मिल रही है. मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून की ट्रफ लाइन अभी राज्य के उत्तरी क्षेत्रों से होकर गुजर रही है, जिससे बारिश की गतिविधियों में तेजी आई है.
जयपुर, अजमेर और कोटा संभाग के कुछ भागों में भारी से अतिभारी बारिश की संभावना जताई गई है, वहीं उदयपुर, भरतपुर, जोधपुर और बीकानेर संभाग के इलाकों में भी मध्यम से तेज बारिश होने के आसार बने हुए हैं.
शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश में सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में सबसे ज्यादा 8.56 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई. यह इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी वर्षा में से एक है.
इसके अलावा, बोंली में 5.2 इंच और सवाईमाधोपुर शहर में 4.96 इंच बारिश दर्ज की गई, जो इस बात का संकेत है कि राज्य के पूर्वी भागों में मानसून अब पूरी तरह प्रभावी हो चुका है.
जयपुर, अजमेर और कोटा संभाग के अनेक जिलों में अगले 24 से 48 घंटे के दौरान भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है.
विशेष रूप से निचले इलाकों, जलभराव वाले क्षेत्रों और ढलानों पर बसे गांवों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
बीकानेर और जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भी मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. आने वाले 2-3 दिनों तक इन क्षेत्रों में बारिश जारी रहने की संभावना है.
इस बीच, फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन तेज पानी और जलभराव से फसलें खराब होने का खतरा भी बना हुआ है. किसान भाईयों को सलाह दी गई है कि वे जल निकासी की व्यवस्था समय रहते कर लें.
राजस्थान में इन दिनों मानसून ट्रफ लाइन का असर बढ़ गया है, जिससे प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में वर्षा का सिलसिला तेज हो गया है. यह ट्रफ लाइन पूर्व से पश्चिम की ओर सक्रिय हो रही है, जिसके कारण पूर्वी राजस्थान में लगातार बारिश देखी जा रही है.
मौसम विभाग ने साफ किया है कि ट्रफ लाइन जब तक राज्य के ऊपर से गुजरती रहेगी, तब तक मौसम अस्थिर बना रहेगा और बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी.
चौथ का बरवाड़ा और सवाईमाधोपुर जैसे इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है. सड़कों पर जलभराव, नालों का उफान और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आई हैं.
प्रशासन ने आपातकालीन नियंत्रण कक्षों को अलर्ट मोड पर डाल दिया है. सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में राहत और बचाव दल सक्रिय रखें.