Hariyali Teej: सनातन धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व। हरियाली तीज भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं मनाती है। हर साल यह त्यौहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
इस दिन हुआ था शिव पार्वती का पुनर्मिलन
हरियाली तीज के दिन शिव पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था । इस सुहाग त्यौहार के दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती है। इस दिन हाथों में मेहंदी चूड़ियां और सोलह सिंगार कर महिलाएं बेहद खूबसूरत लगती है। इस दिन मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है। तो आईए जानते हैं हरियाली तीज के दिन महिलाएं क्यों लगाती है मेहंदी…
हरियाली तीज के दिन महिलाएं क्यों लगाती है मेहंदी?
हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाओं के लिए श्रृंगार और मेहंदी का विशेष महत्व है। इस दिन सभी सुहागन महिलाएं मेहंदी जरूर लगाती है।
क्या है मेहंदी का महत्व?
पुराणों में बताया गया है की माता पार्वती ने भगवान शिव को पानी के लिए कई जन्मों तक कठिन तपस्या की और उनके 108 वे जन्म में उनका तप सफल हो गया। मान्यता है की शादी के दिन माता पार्वती ने अपने हाथों में मेहंदी लगाई थी और यह मेहंदी प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती है।
मेहंदी लगाने के फायदे
मेहंदी लगाने के कई फायदे हैं। इसे हाथों में ठंडक रहती है साथ ही सावन के महीने में मेहंदी लगाना बेहद फायदेमंद माना जाता है। हाथों में मेहंदी लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और इस शुभ माना जाता है। इस त्यौहार के दिन आपको अपने हाथों में मेहंदी लगाना चाहिए इससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। मेहंदी लगाना आपके जीवन में खुशियां भर देगा और पति की लंबी उम्र के लिए भी मेहंदी लगाई जाती है। त्योहार मुख्य रूप से हरियाणा राजस्थान दिल्ली जैसे शहरों में मनाया जाता है।