ब्लैक मून क्या है?
ब्लैक मून नाम सुनते ही लगता है कि चांद काला हो जाएगा, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता। यह शब्द लोककथाओं और परंपराओं से जुड़ा है, न कि खगोल विज्ञान से।
जिस तरह किसी मौसम में चार पूर्णिमा होने पर चौथी पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाता है, उसी तरह जब एक महीने में दो अमावस्या पड़ती है, तो दूसरी अमावस्या को ब्लैक मून कहा जाता है।
अमावस्या के दिन चांद का उजला हिस्सा सूरज की ओर होता है और अंधेरा हिस्सा पृथ्वी की ओर। इसी वजह से चांद दिखाई नहीं देता। ब्लैक मून में भी चांद आसमान में नजर नहीं आएगा।
ब्लैक मून 2025 कब होगा?साल 2025 का ब्लैक मून 22 और 23 अगस्त को पड़ेगा, जो अलग-अलग टाइम जोन पर निर्भर करेगा।
उस समय चांद सिंह राशि में होगा और सूर्य से सिर्फ 1 डिग्री उत्तर में स्थित होगा। हालांकि ब्लैक मून खुद दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसके बाद का नजारा बेहद खास होगा।
24 और 25 अगस्त को सूर्यास्त के 30–40 मिनट बाद पश्चिम दिशा में एक पतला अर्धचंद्र दिखाई देगा, जो आसमान में चांदी की नाजुक चाप जैसा लगेगा।
ब्लैक मून कितनी बार होता है?✅ तारीख: 22–23 अगस्त 2025
✅ आसमान में अदृश्य: अमावस्या की तरह चांद दिखाई नहीं देगा
✅ खास नजारा: 24–25 अगस्त को पतला अर्धचंद्र
✅ दुर्लभता: लगभग हर 29–33 महीने में होता है
यानी, भले ही ब्लैक मून खुद नजर न आए, लेकिन इसके बाद आसमान में दिखने वाला पतला चांद जरूर एक अद्भुत नजारा होगा।