बदलापुर एनकाउंटर पर बॉम्बे HC ने पुलिस पर दागे यह सवाल
Krati Kashyap September 25, 2024 06:27 PM
हाईकोर्ट ने यह भी बोला कि अक्षय शिंदे के मुठभेड़ को टाला जा सकता था. न्यायालय ने पूछा कि पुलिस ने पहले उसे काबू करने की प्रयास क्यों नहीं की. बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रश्न किया कि आरोपी को सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई, पहले पैर या हाथ में क्यों नहीं?

Akshay Shinde

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मृत्यु के मुद्दे में महाराष्ट्र पुलिस की खिंचाई की और बोला कि इसमें गड़बड़ी प्रतीत होती है. इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने घटना के निष्पक्ष जांच की बात कही है. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने बोला कि यदि उसे पता चलता है कि जांच ठीक से नहीं की जा रही है तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बोला कि आरोपी की मृत्यु की जांच निष्पक्ष और निष्पक्ष ढंग से की जानी चाहिए.

हाईकोर्ट ने यह भी बोला कि अक्षय शिंदे के मुठभेड़ को टाला जा सकता था. न्यायालय ने पूछा कि पुलिस ने पहले उसे काबू करने की प्रयास क्यों नहीं की. बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रश्न किया कि आरोपी को सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई, पहले पैर या हाथ में क्यों नहीं? जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने बोला जिस क्षण उसने पहला ट्रिगर दबाया, दूसरे लोग उसे सरलता से पकड़ सकते थे. वह कोई बहुत बड़ा या मजबूत आदमी नहीं था. इसे स्वीकार करना बहुत कठिन है. इसे एनकाउंटर नहीं बोला जा सकता.

अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने मंगलवार को वकील अमित कटरनवरे के माध्यम से बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर इल्जाम लगाया कि उनके बेटे की मर्डर फर्जी एनकाउंटर में की गई है और मुद्दे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग की है.न्यायालय ने सरकारी वकील से बोला कि शारीरिक रूप से कमज़ोर आदमी रिवॉल्वर को शीघ्र से अनलॉक नहीं कर सकता. न्यायालय ने बोला कि यह बहुत आसान नहीं है.

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